चांद के हुए दीदार, कल मनाई जाएगी ईद-उल-फितर

चांद के हुए दीदार, कल मनाई जाएगी ईद-उल-फितर

देहरादून। देश के कई स्थानों पर चांद देखे जाने की खबर मिलने के बाद देहरादून के शहर काजी मौलाना मोहम्मद अहमद कासमी ने चांद दिखाई देने का ऐलान करते हुए कहा कि कल, यानी 31 मार्च सोमवार को देशभर में एक साथ ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जाएगा। इस खुशी के मौके पर देहरादून में भी बड़े स्तर पर तैयारियां की गई हैं और विशेष इंतजाम किए गए हैं।

इस साल ईद-उल-फितर की नमाज मस्जिदों और ईदगाहों में अदा की जाएगी। जिला प्रशासन की ओर से जारी की गई गाइडलाइन्स के मुताबिक, ईद की नमाज के लिए हर जगह विशेष सावधानियां और व्यवस्थाएं की गई है, ताकि लोग शांति और सुरक्षा के साथ नमाज अदा कर सकें। ईदगाह माजरा में दो बार नमाज़ कराने का निर्णय लिया गया है। देहरादून शहर और जिले के सभी गांवों में सुबह 8 बजे से लेकर 10 बजे तक ईद-उल-फितर की नमाज अदा की जाएगी। खासकर शहर देहरादून में नमाज के लिए वक्त पहले ही तय कर दिया गया है, जिससे लोग समय पर नमाज अदा कर सकें।

जमीयत उलेमा हिन्द (ए) के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना हुसैन अहमद कासमी, प्रदेश महासचिव मौलाना शराफत कासमी और अन्य प्रमुख धार्मिक उलेमाओं जैसे शहर काज़ी मौलाना मोहम्मद अहमद कासमी, जमीयत के प्रदेश उपाध्यक्ष मुफ्ति रईस अहमद कासमी, मुफ्ति वासिल, मुफ्ति अयाज़ अहमद, मौलाना इफ्तिखार कासमी, जिला महासचिव कारी आबिद, मास्टर अब्दुल सत्तार और अन्य ने ईद-उल-फितर की मुबारकबाद पेश करते हुए कुछ आवश्यक हिदायतें भी दी हैं।

गरीबों का ख्याल रखने और उनको अपनी खुशियों में शामिल करने का आह्वान किया गया है। उनका कहना है कि नमाज के लिए जाते और आते समय तकबीर (अल्लाहु अकबर) पढ़ने का एहतमाम किया जाए, ताकि इस पर्व की अहमियत को और बढ़ाया जा सके।

ध्यान देने योग्य बात यह है कि इस बार प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर खास तैयारियां की हैं, ताकि किसी प्रकार की कोई समस्या न हो। पुलिस बल के अतिरिक्त, ईदगाहों और मस्जिदों के आसपास अतिरिक्त इंतजाम किए जाएंगे, ताकि हर व्यक्ति को सुरक्षित माहौल में नमाज अदा करने का मौका मिल सके। इस खास मौके पर धार्मिक नेता और समुदाय के सभी सदस्य ईद की खुशियों को मिलकर मनाने की अपील कर रहे हैं, ताकि यह दिन और भी खास बन सके।

ईद-उल-फितर का पर्व मुस्लिम समुदाय के लिए एक विशेष दिन है, जब लोग एक-दूसरे के साथ मिलकर उपवास समाप्त कर खुशी और सौहार्द का इज़हार करते हैं। इस दिन को लेकर सभी मुस्लिम समाज के लोग तैयारियों में जुटे हैं, और इस पर्व को शांति, प्रेम और समृद्धि के साथ मनाने की उम्मीद जताई जा रही है। 

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