- एम्स भ्रष्टाचार मामले से जुड़ा है विवाद, आपराधिक कार्रवाई की मांग
- नैनीताल हाईकोर्ट में 16 सितंबर को होगी सुनवाई
देहरादून। उत्तराखंड कैडर के चर्चित आइएफएस अधिकारी और मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संजीव चतुर्वेदी ने अब केंद्र सरकार के शीर्ष नौकरशाह, कैबिनेट सचिव टी.वी. सोमनाथन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। चतुर्वेदी ने सोमनाथन पर नैनीताल हाईकोर्ट में झूठा शपथपत्र दाखिल करने और मानहानिकारक टिप्पणी करने का गंभीर आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की मांग की है। इस हाई-प्रोफाइल मामले में हाईकोर्ट ने सुनवाई के लिए 16 सितंबर की तारीख तय की है।
यह पूरा विवाद संजीव चतुर्वेदी के एम्स दिल्ली में बतौर मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) रहते हुए शुरू की गई भ्रष्टाचार की कई जांचों से जुड़ा है। इन्हीं मामलों से संबंधित दस्तावेजों को प्रस्तुत करने का आदेश केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) ने फरवरी 2023 में दिया था। आदेश का पालन न होने पर कैट ने हाल ही में कैबिनेट सचिव और केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव के खिलाफ अवमानना कार्रवाई शुरू की थी। इसी पृष्ठभूमि में अब अदालत में एक नई कानूनी जंग छिड़ गई है।
अपनी याचिका में संजीव चतुर्वेदी ने कैबिनेट सचिव की ओर से दाखिल रिट याचिका को न केवल ‘निराधार’ बताया है, बल्कि उसमें लगाए गए आरोपों पर भी कड़ा एतराज जताया। उन्होंने कोर्ट के समक्ष तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव लव वर्मा और स्वास्थ्य मंत्रालय के सीवीओ विश्वास मेहता की वर्ष 2014 की फाइल नोटिंग भी पेश की। इस नोटिंग में चतुर्वेदी के काम की सराहना करते हुए उनकी ईमानदारी और निष्ठा को ‘उत्कृष्ट’ करार दिया गया था।
संजीव चतुर्वेदी ने अपने पक्ष में कहा, यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश के कैबिनेट सचिव जैसे शीर्ष पद पर बैठे व्यक्ति की ओर से दायर याचिका में निराधार और मानहानिकारक आरोपों को जगह दी गई है। मेरे कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार निरोधी मामलों में जो कार्रवाई हुई, उसकी पुष्टि स्वास्थ्य मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने लिखित रूप से की थी। यह मामला अब देश के दो बड़े अधिकारियों के बीच सीधी कानूनी लड़ाई बन गया है, जिस पर सबकी निगाहें टिकी रहेंगी।