जनसुनवाई में उठी एलिवेटेड रोड परियोजना को रद्द करने की मांग

Demand to cancel the elevated road project
सांकेतिक तस्‍वीर

देहरादून। एलिवेटेड रोड परियोजना को लेकर हाईकोर्ट के निर्देश पर हो रही जनसुनवाई के दौरान प्रभावितों ने एलिवेटेड रोड भूमि अधिग्रहण के अध्यक्ष व उपजिलाधिकारी (सदर) हरिगिरी के समक्ष बात रखते हुये कहा कि इस परियोजना को रद्द किया जाए।

कहा कि एलिवेटेड रोड़ बनाने के बजाय शहर की सड़कों का रखरखाव किया जाए, सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था ठीक की जाऐ। बस्तीवासियों ने कहा कि एलिवेटेड रोड़ नाप में बड़े व प्रभावशाली लोगों को छोड़कर केवल गरीबों को ही टारगेट किया गया है। प्रशासन केवल 2600 सौ प्रभावित कह रहा व बड़ी संख्या में परिवारों को सर्वे सूची से वंचित रखा गया है। बस्तीवासियों की ओर से लगभग 300 से भी अधिक आपत्तियां दर्ज कराई गई है।

कहा कि एलिवेटेड रोड परियोजना से आम आदमी को कोई लाभ नहीं होने वाला है। इस परियोजना के नाम पर हज़ारों पेड़ों को काटा जा रहा है जिससे देहरादून के पर्यावरण को बहुत नुकसान हो रहा है। प्रदूषण बढ़ने से आँक्सिजन घट रहा है जिससे लोगों का स्वास्थ प्रभावित हो रहा है। इस परियोजना के तहत सभी स्थानों में जहॉ-जहॉ पेड़ काटे जा रहे हैं वहॉ भयंकर भूस्खलन की भी आशंका है।

अपनी पूरी कमाई लगा कर घर बना कर दशकों से रह रहे बस्तियों के निवासियों को उनके घर से बेघर करना गैर कानूनी व अमानवीय कार्य है। तथाकथित सुनवाई में सभी प्रभावितों (गरीब व धनी) के साथ समान व्यवहार सुनिश्चित किया जाए। न्यायसंगत  तरीके से मुख्यमंत्री की नगर निगम चुनाव के दौरान की गई घोषणा के अनुसार घर का मालिकाना हक दिया जाये।

इस अवसर प्रख्यात पर्यावरणविद् डॉ. रवि चौपड़ा ने एलिवेटेड रोड़ पर्यावरणीय क्षति के सन्दर्भ में अपनी बात रखी। इस अवसर पर बस्ती बचाओ आन्दोलन के संयोजक अनन्त आकाश, पार्षदगण, विभिन्न विभागों के अधिकारी, नुरैशा अंसारी व विप्लव अनन्त आदि मौजूद थे।

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