मातृ एवं शिशु मृत्यु का होना एक विचारणीय एवं गंभीर विषय : सीएमओ

Maternal and infant mortality is a serious issue

देहरादून। आज मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय देहरादून में मातृ एवं शिशु मृत्यु की मासिक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 मनोज कुमार शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में जनपद में वर्तमान वर्ष में हुई 10 मातृ मृत्यु एवं 12 शिशु मृत्यु के प्रकरणों की समीक्षा की गयी।

समीक्षा के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि संस्थागत प्रसव से लेकर जच्चा बच्चा के पोषण, टीकाकरण एव सम्पूर्ण उपचार की सुविधाएं जनपद के प्रत्येक चिकित्सालय में उपलब्ध हैं। विभागीय स्तर पर जच्चा बच्चा के लिए विभिन्न योजनाओं एवं सेवाओं का संचालन किया जा रहा है। ऐसे में मातृ एवं शिशु मृत्यु का होना एक विचारणीय एवं गंभीर विषय है।

प्रत्येक चिकित्सालय, चिकित्साधिकारी एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ता यह सुनिश्चित करें की जच्चा बच्चा से संबंधित सेवाओं एवं उपचार में किसी प्रकार की लापरवाही ना बरतें। डॉ0 शर्मा ने निर्देशित किया कि स्वास्थ्य केन्द्र से लेकर ब्लॉक चिकित्सा इकाई तथा संबंधित जच्चा बच्चा के उपचार में सम्मिलित समस्त चिकित्सालय यह सुनिश्चित करें कि मृत्यु के प्रकरणों की गहन एवं समयबद्ध जांच करते हुए जिला स्तर पर साक्ष्य सहित प्रस्तुत करें।

किसी भी स्तर पर लापरवाही एवं सेवाओं में कमी पाये जाने पर संबंधित के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जा सकती है। सुरक्षित संस्थागत प्रसव एवं मातृ-शिशु का सुरक्षित जीवन सुनिश्चित करना हमारा प्रथम और अहम लक्ष्य है।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एन.एच.एम. डॉ0 निधि रावत ने कहा कि सुरक्षित मातृत्व आश्वासन के अंतर्गत प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक स्तर की चिकित्सा इकाईयों में गर्भवती महिलाओं एवं नवजात शिशु हेतु स्वास्थ्य सुरक्षा संबंधी सेवाओं की जानकारी समुदाय तक पहुंचाएं। प्रत्येक माह की 9 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत उच्च जोखिम गर्भावस्था सहित सामान्य गर्भावस्था की नियमित जांच हेतु लाभार्थियों को प्रेरित करें।

बैठक में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 वन्दना सेमवाल, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ0 दिनेश चौहान, प्रोग्राम ऑफिसर एम.सी.एच. प्रखर गुप्ता, जिला डाटा प्रबंधक बिमल मौर्य, जिला आशा समन्वयक दिनेश पांडे, सहित सरकारी एवं निजी चिकित्सालयों से स्त्री रोग विशेषज्ञों, बाल रोग विशेषज्ञों, ब्लॉक कार्यक्रम प्रबंधकों तथा संबंधित क्षेत्र की आशा कार्यकत्रियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here